पाकिस्तान को 'प्यासा मारने' की तैयारी में भारत
नई दिल्ली(24 दिसंबर): भारत अब सिंधु नदी जल समझौता का पाकिस्तान द्वारा नाजायज फायदा उठाने की हरकतों को रोकने के लिए काम कर रहा है। एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक 23 दिसंबर 2016 को प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव निपेंद्र मिश्रा की अध्यक्षता में इसी मुद्दे पर एक जरूरी बैठक की गई थी।
- खबर के मुताबिक बैठक में जम्मू और कश्मीर के हाइड्रो पावर प्रॉजेक्ट्स के काम में तेजी लाने और समझौते के तहत पाकिस्तान द्वारा नियंत्रित घाटी की पश्चिमी क्षेत्र की तीन नदियों सिंधु, झेलम और चिनाब के पानी को स्टोर करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने जैसे जरूरी मुद्दों पर बातचीत की गई।
-वहीं पजाब की भूमिका भी इस काम में अहम मानी जा रही है। सिंधु घाटी की तीन और महत्वपूर्ण नदियां रावी, सतलुज और व्यास पंजाब में बेहती हैं। भारत इस समझौते का अपने पक्ष में बेहतर तरीके लाभ उठाने के प्रयास कर रहा है। इस पहली मीटिंग का मकसद दोनों राज्य (जम्मू और कश्मीर और पंजाब) में चल रहे नदी से जुड़े प्रॉजेक्ट्स के काम में तेजी लाने का था जिससे की सिंधु नदी संमझौते का भारत ज्यादा से ज्यादा लाभ उठा सके।
-खबर के मुताबिक एक अधिकारी ने कहा, “दोनों राज्य को अपने क्षेत्र में हो रहे ग्राउंड वर्क की रिपोर्ट जनवरी में होने जा रही टास्क फोर्स की मीटिंग में रखने को कहा है।”
- सिंधु जल समझौता (1960) पर दोनों देशों द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे जिसके तहत दोनों देश सिंधु घाटी की 6 नदियां का इस्तेमाल करते हैं। समझौते के तहत पश्चिमी क्षेत्र की नदियों पर पाकिस्तान का नियंत्रण है लेकिन भारत को भी इनके पानी का अलग-अलग कामों के लिए इस्तेमाल करने का अधिकार है। भारत ने अभी तक इन नदियों के पानी को स्टोर करने या समझौते के तहत अपने कोटे के हिसाब से उसके पानी का पूरी तरह स इस्तेमाल नहीं किया है। बैठक में पंजाब के सचिवों के प्रमुख, एनएसए अजीत डोवाल, विदेश सचिव एस जयशंकर, वित्त सचिव अशोक लवासा और जल संसाधन विभाग के सचिव शशि शेखर भी मौजूद थे
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