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    उत्तराखंड विकास के लिए इंतज़ार नहीं करना चाहताः नरेन्द्र मोदी

    उत्तराखंड विकास के लिए इंतज़ार नहीं करना चाहताः नरेन्द्र मोदी 


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    पीएम मोदी ने कहा कि पुराने ज़माने में मां-बाप को यात्रा करने के लिए श्रवण को याद किया जाता है, वैसे ही आने वाले दिनों में आप श्रवण को याद करोगे।
    देहरादून, [जेएनएन]: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देहरादून में जनस्ीाा को संबोधित करते हुए कहा कि ये जनसैलाब, इतनी बड़ी संख्या में यहां लोगों का आना इस बात का सुबूत है उत्तराखंड अब विकास के लिए इंतज़ार नहीं करना चाहता है। उनके मुताबिक, बिना बजट के पत्थर लगाने से विकास नहीं होता है। वे यहां चारधााम यात्रा के लिए ऑल वैदर रोड सड़क याेेजना के शिलान्यास के लिए पहुुंंचे थे।
    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पुराने ज़माने में मां- बाप को यात्रा करने के लिए श्रवण को याद किया जाता है, वैसे ही आने वाले दिनों में आप श्रवण को याद करोगे। इस दौरान मोदी ने खुद को श्रवण कहा। पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी कभी पहाड़ के काम नहीं आती है। मैं उत्तराखंड के हर गली-मोहल्ले और सुख-दुख से परिचित हूं।
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    उन्होंने कहा कि मैं चाहता तो पहले दिन ही दो गाडी लाता और शिलान्यास कर देता। लेकिन मैं वैसा नहीं हूं। जनता सबकुछ जानती है। विपक्षियों पर तंज कसते हुए कहा कि योजना के पत्थर गाड़ते चले जाओगे तो क्या होगा। जल्दबाजी में शिलान्यास से राजनीति तो चल सकती है समाजनीति नहीं। इसलिए हमने समय लिया। योजना बनाई और फिर काम किया। अपने भाषण में उन्होंने केंद्रीय सड़क परिवहन मंंत्री नितिन गडकरी की भी तारीफ की।
    कहा, देशभर में सड़कों का काम चल रहा है। रास्ता ऐसा बने कि 100 साल तक दिक्कत ना हो। दुनियाभर की कन्सलटेन्ट से संपर्क कर काम किया जा रहा है। मोदी ने आगे कहा कि मैंने ऐसा काम कर दिखाया। आजादी के इतने साल बाद भी देश में 18 हजार गांव ऐसे निकले जहा बिजली नहीं थी। वे गांव 18 वीं शताब्दी में जी रहे थे। हमने बीड़ा उठाया और 1000 दिन में बिजली पहुंचायेंगे का वादा किया। कहा, अफसर अब देखेंगे कि 70 साल में जो नहीं हुआ वो 1000 दिन में कैसे होगा। लेकिन, 1000 दिन नहीं हुए और 12000 गांव में बिजली पहुंचा दी। उत्तराखंड के गांव भी थे वहां भी बिजली पहुंचाई जा रही है। एक जमाना ऐसा भी था जब सिलेंडर लेने में जान-पहचान चलती थी।
    मोदी ने अपने भाषण में कहा कि एक जमाना ऐसा भी था कि गैस सिलेंडर लेने में जान पहचान निकालनी पड़ती थी। दिल्ली में कांग्रेस के अधिवेशन में घोषणा हुई कि हमारी सरकार हुई तो अभी एक साल में नौ सिलेंडर मिलते है तो बाद में 12 मिलेंगे। लेकिन, जब हमारी भाजपा की सरकार आयी तो हमने पांच करोड़ गरीबों को गैस का चूल्हा दिया। मैं उत्तराखंड के हर गली मोहले और सुख-दुख से परिचित हुं।
    कहा, मैं देवभूमि के आशीर्वाद में ही पला-बढ़ा हूूंं। यहां गरीब मां के शरीर में चूल्हे के धुंए से 400 सिगरट का धुआं जाता है। हमने मां बहनों को इस धुंए से मुक्ति दिलाई। क्या मैंने अपराध किया। ये विकास कार्य गरीबों के कल्याण का काम है। ये उत्तराखंड की धरती यहां हर घर में जिजामाता और शिवाजी है। मौत के सामने यहां के जवान सीमा पर सीना तानकर खड़े रहते है।
    नौकरी में पारदार्शिता हुई
    प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज एक मामूली नौकरी के लिए भी जान पहचान की बात कही जाती थी। हरे रंग के नोट वाले गांधी जी चाहिए थे। 30 सैकेंड में गांधी जी लेकर इंटरवीव होते थे। पैसे लेकर नौकरी दी जाती थी। हमने वर्ग 3 और 4 में साक्षात्कार बंद कर दिया। राज्यों को भी कहा कि हमने किया तुम भी करो। लेकिन वे नहीं चाहते। कोई नहीं अब थोड़े दिन ही है, जैसे ही उत्तराखंड में भाजपा सरकार बनेगी। यहां भी ये काम हो जाएगा।
    नोटबंदी पर ये बोले पीएम
    पीएम ने अपने 45 मिनट तक बोले भाषण में लगभग हर मुद्दे पर बात की। नोटबंदी को लेकर उन्होंने कहा कि हम नोटों के खिलाफ लड़ रहे हैं। लोग बिस्तर में नोट भरकर सोते थे। ये गरीब का पैसा है। 1000-500 का नोट बंद कर सबके कपड़े खोल दिए। कुछ लोगों के खून में बेइमानी है। ऐसे लोगों ने पीछे के रास्ते से नोट बदल दिया। लेकिन, आज पकडे जा रहे हैं। पकड़े गए लोगों से सोना भी मिल रहा है। ये सफाई अभियान है। मेरे पास सवा सौ करोड़ देशवासियों का रक्षा कवच है। मुझ पर ऊंगली नहीं उठा पाओगे।
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    वन रैंक वन पेंशन पर भी बोले पीएम
    मोदी ने कहा कि 40 साल से सेना के जवान वन रैंक वन पेंशन की मांग कर रहे थे। 40 साल तक जिस परिवार ने राज किया उन्हें सेना की याद नहीं आयी। जब चुनाव आया तो कांग्रेस को लगा की मोदी को सेना से प्यार है तो कांग्रेस ने 500 करोड खाते में दाल दिया। जबकि वन रैंक वन पेन्सन का बजट 10 हजार करोड़ है।
    कहा, कांग्रेस ने सेना से मजाक किया। हम आये हमे लगा कि 10 हजार करोड़ एक साथ ज्यादा है। मैंने मदद मांगी और चार किश्ते कर दी। उन्होंने कहा कि मैं सेना के जवानों को सलाम करता हु। अब तक 2 हजार 600 करोड़ रुपए पहुंचा दिया है। उत्तराखंड में शायद ही कोई गांव होगा। जहां वन रैंक वन पेंशन ना आती हो। इससे यहां आर्थिकी बढ़ी। पहली बार दिल्ली में बहुमत वाली सरकार नहीं बनी थी, भाजपा की सरकार बनाई। आपने मुझे चौकीदार का काम किया। मैं रिबन काटने वाला पीएम नहीं। काला धन और काला मन भी जाना चाहिए। नोटबंदी और भ्रष्टाचार पर जनता की राय मांगी। मैं लड़ाई को छेड़ दिया है। आज इस देशभूमि का आभारी हूं।
    यहां तो भ्रष्टाचार की इंतहा है। कहा, मुझे आपका साथ चाहिए। आपको तकलीफ हुई, मुझे पता है। इसके बाद भी ये देश मेरे साथ खड़ा रहा। इस ऋण को चुकाने में जीवनभर कोशिश करता रहूंगा। लूट खसोट, आतंकवाद, जाली नोट का खेल बंद होगा। ड्रग माफिया, मानव तस्करी, अंडरवर्ड की दुनिया 8 नवम्बर की रात उजाड़ दी। मेरे देश में कुछ बेईमानों ने ईमानदारों को दबोच रखा था। मैं इन्हें छुड़ाने की लड़ाई लड़ रहा हूं।
    पूर्व पीएम अटल को भी किया याद
    पीएम मोदी ने अपने भाषण में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई को भी याद किया। कहा, अटल जी ने हमे उत्तराखंड दिया। हम उनके आभारी हैं। उत्तम उत्तराखंड बनाना हमारी जिम्मेदारी है।
    उत्तराखंड को गढ्ढे से बाहर निकालो
    मोदी ने कहा कि ये उत्तराखंड आज बर्बाद किया जा चुका है। गड्ढे में है। इसे मुसीबतों से बाहर निकालने में डबल इंजन की जरुरत है। कांग्रेस पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली में डबल इंजन है, अब देहरादूनन में भी इंजन लगा दो। तब ही विकास होगा।
    अपने भाषण के बाद पीएम मोदी मंच से निकल गए। यहां से उनका काफिला जीटीसी हेलिपेड के लिए रवाना हो गया। इससेे पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि उत्तराखंड में आई आपदा ने पूरे देश को झकझोर दिया था। पीएम मोदी ने मुझे कहा था कि ऐसी योजना बनाई जाए ताकि इस तरह के हादसे न हों। इसी महत्वकांक्षी योजना के तहत सरकार ने ऑल वैदर रोड सड़क योजना का शिलान्यास किया है।
    उन्होंने कहा कि इस योजना का तैयार होने का समय 2020 है। लेकिन, उत्तराखंड में लोगों को राहत देने के लिए इस योजना को पूरा करने का लक्ष्य 2018 तक रखा गया है।

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